Month: July 2021

प्रेमचंद के फटे जूते’ पाठ से पता चलता है कि उच्च कोटि को साहित्यकार होने के बाद भी प्रेमचंद साधारण-सा जीवन

बनारस(काशी) रत्न,कहानी सम्राट को उनके जन्मदिन पर नमन।प्रेमचंद के फटे जूते- परसाई जी #प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी…

Coronavirus Update: कोरोना का डेल्टा वेरिएंट 132 देशों में पहुंचा, WHO ने वायरस के म्यूटेशन को लेकर चेताया

WHO चाहता है कि सभी देश सितंबर के अंत तक कम से कम 10 फीसदी आबादी का टीकाकरण (Covid-19 Vaccination) कर लें. वहीं, इस साल के अंत तक यह आंकड़ा…

45 मिनट तक NASA के कंट्रोल से बाहर रहा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन, जानिए वजह

अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space Agency) में गुरुवार को एक रूसी रिसर्च मॉड्यूल में आग लगने के कारण कुछ समय के लिए स्पेस स्टेशन अपनी जगह से हट गया. हालांकि…

Friendship Day 2021: जानिए कब है फ्रेंडश‍िप डे? कैसे हुई इस दिन की शुरुआत

Friendship Day 2021: यह दिन दोस्‍तों (Friends) को समर्पित है. इस दिन लोग अपने जीवन में दोस्तों की अहमियत का इजहार उन्‍हें तोहफे (Gifts) देकर करते हैं. वहीं कुछ लोग…

एक्टर का करारा जवाब:सुनील पाल ने कहा था गिरा हुआ इंसान, अब मनोज बाजपेयी बोले- मैं समझता हूं कि लोगों के पास काम नहीं है

'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' फेम सुनील पाल ने कुछ दिनों पहले मनोज बाजपेयी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करके चौंका दिया था। उन्होंने वेबसीरीज द फैमिली मैन को पोर्न बताते…

भारत में गरीबी का स्तर – और राजनीती दोनों का असर देश के आर्थिक स्थिति को ख़राब कर रहा है

वैश्विक गरीबी को लेकर विश्व बैंक की द्विवार्षिक रिपोर्ट "रिवर्सल ऑफ फॉर्च्यून" 7 अक्टूबर, 2020 को जारी की गई. इसके निष्कर्ष प्रत्याशित और चौंकाने वाले हैं. इसमें कहा गया है…

मानसून कृषि ,समाज और अर्थव्यवस्था पर कितना प्रभावी !!

गांवों में किसान भले ही कभी अखबार नहीं पढ़ते हो, परंतु मई -जून का महीना आते ही मानसून कहां पहुंचा इसकी खबर लेने को उत्सुक रहते हैं। मानसून मुख्यतः मौसमी…

शीतला सप्तमी, आज अवश्य पढ़ें यह पौराणिक कथा

कथा- एक बार एक राजा के इकलौते पुत्र को शीतला (चेचक) निकली। उसी के राज्य में एक काछी-पुत्र को भी शीतला निकली हुई थी। काछी परिवार बहुत गरीब था, पर…

जयंती विशेष : मुंशी प्रेमचंद की यादों का गुलदस्ता

मुंशी प्रेमचंद की सहज-सुगम लेखनी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी अपने रचनाकाल में थी। दरअसल, कहानी की पाश्चात्य विधा को जानने के बावजूद प्रेमचंद ने अपनी कहानियों में…