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प्रयागराज के पीसी बनर्जी हॉस्टल में देसी बम बनाने के दौरान एक छात्र का हाथ उड़ गया। इस घटना में उसका साथी भी घायल है. पुलिस से बचने के लिए घायल छात्र फरार हो गया है.

पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (Allahabad University) से एक ऐसी खबर आई है, जिसका कम से कम पढ़ाई से तो दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है. प्रयागराज जिले के इस विश्वविद्यालय में एक छात्र देसी बम फटने (Bomb Explosion) से घायल हो गया. अब इससे पहले की आप उस छात्र को जानलेवा हमले का शिकार मान लें. जरा मामले की तह तक तो चलिए. ये सच है कि बम फटा है और छात्र घायल हुआ है. मगर बम फोड़ने वाला कोई और नहीं बल्कि घायल छात्र खुद है. प्रयागराज पुलिस के मुताबिक घायल छात्र अपने एक साथी के साथ हॉस्टल के कमरे में बम बना रहा था. तभी किसी बम में कैमिकल लोचा हुआ और उन दोनों के साथ कांड हो गया. 

क्या है पूरा मामला?

खबर पर आते हैं. इलाहाबाद का सरकारी नाम बदलकर अब प्रयागराज हो गया. लेकिन, न यहां हाईकोर्ट ने अपना नाम बदला और न इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने. यूनिवर्सिटी में कई हॉस्टल हैं. नाम उनके भी वही हैं, जो हमेशा से थे. इन्हीं हॉस्टलों से एक है PC बनर्जी हॉस्टल. बुधवार, 13 दिसंबर की शाम, इसी के कमरा नंबर 68 में प्रभात यादव नाम का एक छात्र, बम बना रहा था. वो जिन्हें, ये काम, शगल लगता है वो अक्सर कहते हैं- बम बांधना. कैसे बम? दीवाली वाले सीको या पीले धुएं वाले नहीं स्मोक बम नहीं. काफ़ी खतरनाक और जानलेवा बम. प्रभात यादव, यूनिवर्सिटी में MA की पढ़ाई करता है. कमरे में उसके साथ एक और लड़का था- प्रत्यूष सिंह.

यहां बम बांधना शगल है!

बम बनाते वक़्त, प्रभात के हाथ में ही अचानक बम फट गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमाके में प्रभात के दाएं हाथ का पंजा उड़ गया. शरीर में और भी कई जगह गंभीर चोटें आईं. धमाके की आवाज सुनकर हॉस्टल के दूसरे कमरों के लड़के पहुंचे तो प्रभात खून से लथपथ पड़ा था. हॉस्टल के लड़के, किसी तरह दोनों को स्वरूप रानी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां प्रभात का इलाज अभी जारी है. कर्नलगंज थाने की पुलिस भी अस्पताल पहुंची थी, लेकिन इससे पहले ही प्रत्यूष अपना मोबाइल बंद कर वहां से चला गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो किसी और निजी अस्पताल में इलाज करवा रहा है.
घटना की जानकारी होने के बाद, PCB हॉस्टल के अधीक्षक सुजीत सिंह भी मौके पर पहुंचे. उनके मुताबिक, प्रभात और प्रत्यूष, अवैध रूप से हॉस्टल के रूम नंबर 68 में रह रहे थे. जिस स्टूडेंट के नाम ये कमरा अलॉट है वो छुट्टी पर अपने घर गया हुआ है. देर रात, सुजीत सिंह की तरफ से प्रभात और प्रत्यूष के खिलाफ अवैध रूप से हॉस्टल में रहने और बम बनाने की शिकायत दर्ज करवाई गई है. असिस्टेंट कमिश्नर राजेश कुमार यादव ने कहा है कि पूरे मामले में प्रभात यादव के खिलाफ जल्द ही केस दर्ज किया जाएगा.

देश को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और ना जाने कितने IAS-IPS देने वाला इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, पिछले कुछ दिनों से कई बार बमबाजी और अराजकता की खबरों के चलते सुर्खियों में आ चुका है. करीब एक ही हफ्ते पहले, 5 दिसंबर को खबर आई कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के दो हॉस्टलों के छात्रों में छोले-भटूरे की दूकान पर विवाद हो गया, जिसके बाद दोनों तरफ के सैकड़ों लड़के आमने-सामने आ गए. दोनों गुटों में भयंकर पथराव और बमबारी हुई. कर्नलगंज थाने की पुलिस जब तक मौके पर पहुंची, लड़के भाग गए. इस घटना में पुलिस ने दोनों पक्षों के सैकड़ों लड़कों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.  

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