Fastest kid to recite all shlokas of Bhagavad Gita Chapter15Fastest kid to recite all shlokas of Bhagavad Gita Chapter15
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सलगुड़े ओजस्वी रोहित: गीता के श्लोकों को सबसे तेज़ पढ़ने वाली नन्ही प्रतिभा

इस दुनिया में, जहां छोटे बच्चे अक्सर अपनी अद्भुत प्रतिभाओं से हमें चौंका देते हैं, पुणे, महाराष्ट्र की 6 वर्षीय ओजस्वी रोहित सलगुड़े ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। ओजस्वी ने भगवद गीता के 15वें अध्याय के 20 श्लोकों को मात्र 3 मिनट और 17 सेकंड में पढ़कर इतिहास रच दिया।

नन्हीं ओजस्वी का परिचय

18 मार्च, 2016 को जन्मी ओजस्वी ने छोटी उम्र में ही अपनी अद्वितीय सीखने की क्षमता का परिचय दिया। परिवार के प्रोत्साहन से प्रेरित होकर, उन्होंने भगवद गीता के श्लोकों का अध्ययन और अभ्यास शुरू किया। उनकी स्मरण शक्ति और आत्मविश्वास के साथ स्पष्टता से श्लोकों का पाठ करना उनकी दृढ़ता और प्रतिभा का प्रमाण है।

भगवद गीता: एक अमूल्य धरोहर

भगवद गीता, 700 श्लोकों का एक पवित्र ग्रंथ है, जो गहन दार्शनिक और आध्यात्मिक ज्ञान से परिपूर्ण है। 15वां अध्याय, जिसे पुरुषोत्तम योग कहा जाता है, आत्मा, भौतिक जगत और परमात्मा के शाश्वत संबंध पर प्रकाश डालता है। इन श्लोकों का पाठ करना न केवल आध्यात्मिक बल्कि बौद्धिक साधना भी माना जाता है।

रिकॉर्ड तोड़ने वाला क्षण

26 दिसंबर, 2022 को ओजस्वी, जो तब 6 वर्ष, 9 महीने और 8 दिन की थीं, ने अपने अद्भुत कौशल का प्रदर्शन किया। उन्होंने भगवद गीता के 15वें अध्याय के सभी 20 श्लोकों को रिकॉर्ड समय 3 मिनट और 17 सेकंड में पढ़ा। उनकी त्रुटिहीन प्रस्तुति को आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई और सराहा गया, जिससे कई लोगों को गीता के अमर ज्ञान को अपनाने की प्रेरणा मिली।

सफलता के पीछे की मेहनत

ओजस्वी की यह उपलब्धि उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और उनके परिवार के समर्थन का परिणाम है। उनकी इस यात्रा से यह स्पष्ट होता है कि जब सीखने और कुछ नया करने की इच्छा हो, तो उम्र कोई बाधा नहीं बनती।

सभी के लिए प्रेरणा

सलगुड़े ओजस्वी रोहित की यह उपलब्धि केवल उनका व्यक्तिगत कीर्तिमान नहीं है, बल्कि यह सभी बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणा है। यह हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बच्चों में बौद्धिक व आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करने का संदेश देती है।

ओजस्वी की इस उपलब्धि का जश्न मनाते हुए, चलिए हम सभी उनकी यात्रा से प्रेरणा लें और अपनी व हमारे बच्चों की अद्भुत क्षमताओं को खोजें।
आखिरकार, जब दृढ़ निश्चय मार्ग दिखाए, तो उम्र की कोई सीमा नहीं होती।


ओजस्वी को इस अद्भुत उपलब्धि के लिए ढेरों शुभकामनाएं! उनकी सफलता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहे।

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