कदंब का पेड़ kadam ka Ped
हिंदू धर्म में कदंब के पेड़ का काफी महत्व होता है। बुजुर्ग लोग बताते हैं कि भगवान श्री कृष्ण कदंब के पेड़ पर ही चढ़ते थे। भारत में हर जगह कदंब का वृक्ष पाया जाता है। कदंब का वृक्ष पूरे औषधीय गुणों से भरपूर है। इसलिए आयुर्वेद में कदंब के पेड़ के काफी फायदे मिलते हैं। आज के इस पोस्ट में हम आपको कदंब के पेड़ से संबंधित सभी फायदे और अन्य जानकारी प्रदान करने वाले हैं।
कदंब के पेड़ का फूल कैसा होता है
आम तौर पर कदंब के पेड़ का फूल सफेद और हल्का पीला रंग का पाया जाता है। यह एक ऐसा पुष्प होता है जिसपर पंखड़िया नही होती है बल्कि इस फूल पर उजले उजले खुशबूदार तंतु होते है जो इस फूल के चारो तरफ उठे हुए रहते हैं।
कदंब के वृक्ष की वानस्पतिक नाम क्या है
कदंब के वृक्ष की अधुनातन वानस्पतिक नाम रूबियेसी कदम्बा है और उसका पुराना नाम नॉक्लिया कदम्बा था। कदंब के वृक्ष की ऊंचाई लगभग 10 से 20 फीट होता है। इस वृक्ष की पत्तियां हरे रंग के होते हैं और साइज में बड़े बड़े दिखते हैं। कदंब के वृक्ष की टहनी दूसरे वृक्ष के टहनी की तुलना में कमजोर होते हैं।
कदंब के पेड़ की अन्य भाषाओं में क्या नाम है
- मराठी :- मराठी में इस वृक्ष को राजकदम, कलंब और कदंब के नाम से जानते हैं।
- अंग्रेजी :- अंग्रेजी भाषा में इस वृक्ष को Wild cinchona कहते हैं।
- संस्कृत :- संस्कृत भाषा में इस वृक्ष को वृत्त पुष्य, आवृष्य चलना प्रिय, कदंब और नीम के नाम से जानते हैं।
- हिंदी :- हिंदी भाषा में इस वृक्ष को कदंब और कदम के नाम से लोग जानते हैं।
- बंगाली :- बंगाली में इस वृक्ष को कदंब गाछ कहते हैं।
- गुजराती :- गुजराती में इस वृक्ष को कदंब के नाम से जानते हैं।
- Latin ( लैटिन ) :- लैटिन भाषा में इस वृक्ष को Nauclea cadamba, Antho Cephalus, Soccocphalus Antho, Cadamba Aur Cephalus indicus के नाम से जानते हैं।
कदंब के फायदे
कदंब का इस्तेमाल विभिन्न हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। जो की इस प्रकार है :-
- हड्डियों से जुड़ी रोग में कदंब के फायदे
कदंब मांसपेशियों में अकड़न, गठिया जैसे हेल्थ से संबंधित समस्या में फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। आम तौर पर कदंब के वृक्ष में एंटी-इंफ्लामेंट्री और एनाल्जेसिक जैसे गुण मौजूद रहते हैं। इसके अलावा कदंब में क्वेरसेटिन, जेनिस्टिन, सिलीमारिन एपिगेनिन और डेडेजिन जैसे फ्लेवोनॉयड्स के भी बहुत मात्रा में गुण मौजूद होते हैं, जो हड्डियों से जुड़ी रोग से होने वाले तकलीफ को दूर करने में हमारी सहायता करती है।
- फंगल इंफेक्शन जैसे समस्या में कदम के फायदे
जैसा की कदंब में एंटी-फंगल जैसे गुण मौजूद होते हैं। इसलिए इसका उपयोग आप चाहे तो कान या त्वचा से जुड़ी इन्फेक्शन के ट्रीटमेंट में कर सकते हैं। कदंब के वृक्ष की छाल और पत्ती के अर्क में एंटी फंगल गुण मौजूद होने की वजह से ये आपके इन्फेक्शन को दूर करने और आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
- कैंसर जैसे गंभीर बीमारी में कदम के फायदे
यदि आप कैंसर जैसे गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, तो उसके लिए आपको कदंब का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि कदंब में कैंसर जैसे गंभीर रोग का उपचार करने में फायदे होते हैं। यदि आप कैंसर जैसी बीमारी में कदंब का ग्रहण करते हैं, तो ये इस समस्या से छुटकारा दिलाने में आपके लिए मददगार सिद्ध हो सकता है।
नीचे दिए गए किसी भी समस्या में यदि आप कदंब का सेवन करते हैं, तो आपको उस समस्या से निजात मिल सकता है-
- उल्टी :- उल्टी जैसी समस्या में आपको कदम का सेवन करना चाहिए।
- अक्सर :- यदि आपको अलसन जैसी समस्या होती है तो उससे छुटकारा पाने के लिए आपको कदम का सेवन करना चाहिए ।
- बुखार :- यदि आप को बुखार लगती है, तो उसे ठीक करने के लिए भी आपको कदंब का इस्तेमाल करना चाहिए।
- पेट दर्द :- पेट दर्द जैसी समस्या में भी कदंब के फायदे मिलते हैं।
- दस्त :- दस्त जैसी गंभीर रोग में कदंब का सेवन करना चाहिए।
- छोटे घाव :- यदि आपके शरीर में कहीं भी छोटे-मोटे घाव हो जाते हैं, तो उसे उसे ठीक करने के लिए भी आपको कदंब का इस्तेमाल करना चाहिए।
कदंब से होने वाले नुकसान
जानकारी के मुताबिक कदम का सेवन करना कभी भी नुकसानदायक साबित नहीं हो सकता है। लेकिन यदि आप इसका सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो आपको निम्न परेशानी हो सकती है। यदि आप कदंब का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो इसे पचने में काफी वक्त लगता है इस वजह से आपको कब्ज जैसी समस्या हो सकती है।
कदंब के वृक्ष, पत्तों, फलों और छाल में विभिन्न गुण मौजूद होते हैं :-
- आइसो-डीहाइड्रो कदम्बीन
- बीटा-सिटोस्टेरॉल
- सैपोजिन कैडामबेजेनिक एसिड
- ट्रायटार्पेनिक एसिड
- एल्केलायड कदम्बाई
- सैपोनिन ए, बी, सी, डी
- डायहाइड्रोसिनकोइन
- अल्फाडीहाइड्रो कदम्बीन
- ग्लैकोसीड्स एल्केलायड
- स्टेरॉयड
- क्विनोविक एसिड
- टटैनि
कदंब का इस्तेमाल कितना करना चाहिए
- कदंब के काढ़ा :- यदि आप कदम के काढ़े का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको 10 से 20 मिलीग्राम का सेवन करना चाहिए।
- कदंब के छाल :- कदंब के छाल का इस्तेमाल 3 से 6 ग्राम कर सकते हैं।