लंदन। जरा सोचिए अगर आपका ही एक हाथ आपको लगातार थप्पड़ मारे या मुक्का- तो आपको कैसा लगेगा? या फिर आप एक दुकान में दाएँ जाना चाहें और आपकी एक टाँग बाएँ मुड़ जाए और आप गोल-गोल घूमते ही रह जाएँ। पिछली गर्मियों में डॉ. माइकल मोसली की मुलाकात 55 साल की कैरन बायर्न से हुई। एलियन हैंड सिंड्रोम में हाथ अनचाही गतिविधियाँ करने लगता है जिसका मरीज को कतई अंदाजा नहीं होता।
कैरन एलियन हैंड सिंड्रोम से पीड़ित हैं। उनका बायाँ हाथ और कभी-कभी बायाँ पैर कई बार ऐसे व्यवहार करते हैं कि जैसे किसी एलियन ने उनके शरीर पर कब्जा कर लिया हो। कैरन की स्थिति दिलचस्प है, केवल इसलिए नहीं क्योंकि ये इतनी अजीब हैं पर इसलिए भी क्योंकि ये बताता है कि हमारा दिमाग कैसे काम करता है।
कैरन बताती हैं कि मैं सिगरेट जलाती हूँ, उसे ऐश ट्रे पर रखती हूँ और मेरा बायाँ हाथ उसे मसलकर बुझा देता है। उसने मेरे पर्स से सामान निकाल लिया, मुझे पता ही नहीं चला और मैं चल दी। जब तक मुझे पता चला मेरी कई चीजें खो चुकी थीं। कैरन के डॉक्टर ने इलाज करते हुए कहा कि तुम क्या कर रही हो। तुम्हारा हाथ तुम्हारे कपड़े उतार रहा है। मुझे पता ही नहीं था कि मेरा बायाँ हाथ मेरी शर्ट के बटन खोल रहा था। वे कहती हैं कि मैंने अपने दाएँ हाथ से अपने बटन लगाने शुरू कर दिए। जैसे ही मैं रुकी, मेरा बायाँ हाथ फिर बटन खोलने लगा।
कैसे होती है शुरुआत
कैरन ने मिर्गी के इलाज में उनके मस्तिष्क के उस भाग को निकाल लिया जहाँ से विकृत बिजली की तरंगे निकलती हैं। यह इलाज कारगर नहीं होता तब दिमाग के पीड़ित इलाके की पहचान नहीं हो पाती। सर्जन ने उसका कोर्पस कोलोजम निकाल दिया। ये दिमाग की वे कोशिकाएँ हैं जो मस्तिष्क के दोनो हिस्सो को जोड़कर रखती हैं।
कैरन का दुर्भाग्य था कि उसके ऑपरेशन के बाद उसके दिमाग के दाएँ हिस्से ने बाएँ हिस्से की बात मानने से मना कर दिया था। वे एलियन हैंड सिंड्रोम से 18 साल तक पीड़ित रहीं। अब उनकी बीमारी की दवाई मिल गई है।