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कृति सैनन और पंकज त्रिपाठी की ‘मिमी’ का ट्रेलर आ चुका है। ‘बरेली की बर्फी’ और ‘लुकाछिपी’ के बाद दोनों का यह तीसरा एसोसिएशन है। यह फिल्म 30 जुलाई को जियो सिनेमा और नेटफ्ल‍िक्‍स पर रिलीज हो रही है। पंकज त्रिपाठी ने दैनिक भास्‍कर से खास बातचीत में कहा, ” ‘मिमी’ बहुत जरूरी फिल्‍म है। हल्‍के फुल्‍के अंदाज में यह बड़ी अहम बात दर्शकों को गुदगुदा कर कह देती है। फिल्‍म में जो प्रेग्‍नेंसी का प्‍लॉट नजर आ रहा है, उसकी डिलीवरी बड़ी खूबसूरत है। फिल्‍म बनने की प्रक्रिया साल 2019 में शुरू हुई थी। ‘स्‍त्री’ और ‘लुकाछिपी’ के चलते दिनेश विजन और लक्ष्‍मण उतेटकर से बड़े अच्‍छे संबंध बन गए थे। हम तीनों की ट्यूनिंग बड़ी अच्‍छी है।”

इंडक्‍शन पर खिचड़ी बनाकर सबको खिलाता था
पंकज त्रिपाठी ने कहा, “मुझे वैसे भी ‘बरेली की बर्फी’, ‘गुंजन सक्‍सेना’ और अब ‘मिमी’ जैसी विमेन सेंट्रिक कहानियों का हिस्‍सा बन अच्‍छा लगता है। फिल्म में रहमान सर का जादू भी है। इस फिल्‍म को देखकर पता चलेगा कि कृति के कंधों पर फिल्‍म सवार है कि नहीं। ‘मिमी’ की शूटिंग बड़ी यूनीक रही। राजस्‍थान में शूट के दौरान अपना इंडक्‍शन और कूकर ले गया था। जिस होटल में सारे कलाकार ठहरे हुए थे, उसके पीछे खेतों में साग उपजे हुए थे। वो लाकर अपने इंडक्‍शन पर रोज खिचड़ी बनाकर खाता था। ऑर्गेनिक चावल, हल्‍दी, दाल वगैरह लेकर वहां गया हुआ था। होटल में बस रात का खाना खाता रहा। फुर्सत में कभी डायरेक्‍टर या अन्‍य कलाकारों को भी खिचड़ी खिलाया करता था।”

हम कैरेक्‍टर प्र‍िप्रेशन और रीडिंग सेशन नहीं कर सके थे
कृति सेनन के साथ जरूर इस बार कैरेक्‍टर प्र‍िप्रेशन का मौका पंकज को नहीं मिल पाया। इस पर पंकज ने कहा, “वह इसलिए कि उन दिनों मैं अति व्‍यस्‍त चल रहा था। बाकी फिल्‍मों की शूटिंगें कर रहा था, तो यहां सीधा फिल्‍म के सेट पर आया। हम रीडिंग सेशन भी नहीं कर सके। पर चूंकि कृति और मैं एक दूसरे को अर्से से जानते थे। ऐसे में आपसी बॉन्‍डिंग डेवलप करने में ज्‍यादा एफर्ट नहीं डालने पड़े।”

‘मिमी’ हम सबके लिए बड़ी चैलेंजिंग फिल्‍म रही
पंकज त्रिपाठी ने बताया, “संयोग से ‘मिमी’ का लॉकडाउन से ठीक पहले पिछले साल फरवरी में शूट कंप्‍लीट हो गया था। जीवन में पहली बार ‘मिमी’ खत्‍म होने पर मास्‍क लगाया था, जब जयपुर से मुंबई आ रहे थे। कलाकारों को डबिंग के लिए आगे चलकर लॉकडाउन में घर से बाहर नहीं निकलना पड़ा। वह इसलिए कि डायलॉग सिंकसाउंड में हैं। ‘मिमी’ हम सबके लिए बड़ी चैलेंजिंग फिल्‍म रही। इमोशनली यह बड़ी डिमांडिंग फिल्‍म है। फिल्‍म में कई ऐसे मौके हैं, जहां एक्‍टर्स का इमोशनल ब्रेकडाउन हुआ है।”

आगे पांच फिल्‍में और तीन वेब सीरीज करनी हैं
एक्टर ने आगे कहा, “रहा सवाल ‘ओह माय गॉड 2’ का तो उस पर आधिकारिक तौर पर कुछ कहने की मनाही है। उस पर हम आगे फिर कभी जरूर बात करेंगे। बाकी प्रोजेक्‍टों की बात करूं तो आगे पांच फिल्‍में और तीन वेब सीरीज करनी हैं। सब के सब 60 से 65 दिन के शूट शेड्यूल वाले हैं। कोविड और लॉकडाउन के चलते इंडस्‍ट्री के ज्‍यादातर एक्‍टर्स की तारीखें बेहद बिगड़ी हुई हैं। आलम यह है कि अब अगर हालात नॉर्मल होते हैं, तो अगले साल अक्‍टूबर तक मेरी तारीखें बुक्‍ड हैं।”

16 महीनों में महज 2 महीने ही काम कर सका हूं
पंकज त्रिपाठी ने बताया, “कोविड और लॉकडाउन ने एक्‍टर्स को अफेक्‍ट तो किया है। हमेशा मास्‍क में रहना होता है। कैमरे के सामने बस उसे उतारना होता है। अब सामने सेट पर कोई बिना मास्‍क में दिख जाए, तो अजीब सा होने लगता है। एक्‍टर डायलॉग डिलीवरी से पहले सामने वाले को मास्‍क पहनने को बोलना पड़ता है। हर तीन दिनों पर सबको कोविड टेस्‍ट के रूटीन में रहना पड़ रहा है। मेरे जैसे एक्‍टर्स तो पिछले 16 महीनों में महज दो महीने ही काम कर सके थे। 14 महीने बिना काम के गुजरे हैं। वो तारीखें हम दूसरी फिल्‍मो को भी नहीं दे पाए, क्‍योंकि उन फिल्‍मों में भी प्री प्रोडक्‍शन वर्क होता है। बाकी एक्‍टरों की तारीखों की भी दरकार होती है। लिहाजा वह तकनीकी तौर पर मुमकिन नहीं था।”

कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही सेट पर आने की अनुमति रहती थी
पंकज ने कहा, “दूसरा यह कि बायोबबल के माहौल में शूट करना पड़ रहा है। जैसे ‘बच्‍चन पांडे’ में मुंबई से जैसेलमेर गए तो कोविड निगेटिव रिपोर्ट तो ले ही गए थे। साथ ही वहां पहुंचते ही पहले कलाकारों को होटलों में बंद कर दिया जाता था। बाहर ही खाना रख दिया जाता था। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही सेट पर आने की अनुमति रहती थी।”

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