जौनपुर जिले में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है..सिलिंडर की नियमित आपूर्ति के लिए एसडीएम सदर ने वाराणसी में ही डेरा डाल दिया है। वह फोन लाइन के जरिए संपर्क बनाकर वाराणसी व चंदौली के ऑक्सीजन सप्लायर्स से लगातार आपूर्ति कराने की कोशिश में जुटे हैं।
प्रशासन का दावा है कि जिले में ऑक्सीजन की कोई किल्लत नहीं है। यहां रोजाना 250-300 सिलिंडर की जरूरत है। इसके लिए 400 सिलिंडर की व्यवस्था कराई जा रही है….कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच ऑक्सीजन की मांग में भी इजाफा हुआ है। संक्रमित मरीजों के फेफड़े को वायरस काफी प्रभावित कर रहा है। कमजोर फेफड़ों के कारण शरीर के अंदर ऑक्सीजन का प्रवाह प्रभावित हो रहा है।
इससे सांस लेने में तकलीफ बढ़ रही है। इसी का नतीजा है कि जिले में सांस की बीमारी से जुड़े मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। हर तरफ ऑक्सीजन की मांग हो रही है, लेकिन ऑक्सीजन कहीं भी उपलब्ध नहीं है। ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने के कारण ही निजी अस्पतालों में सेवाएं बंद हो चुकी हैं….कोरोना मरीजों के उपचार के लिए अधिग्रहीत किए गए निजी अस्पताल इसलिए चालू नहीं हो पा रहे हैं क्योंकि उन्हें ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं मिल रही। खाली सिलिंडर लेकर लोग भटक रहे हैं। हालांकि इस हकीकत से इतर प्रशासन लगातार ऑक्सीजन की कोई किल्लत न होने का दावा करता फिर रहा है….
फिलहाल ऑक्सीजन की बढ़ती मांग की तुलना में आपूर्ति पूरी करने के लिए अफसरों ने वाराणसी और चंदौली से संपर्क साधा है। वहां तैयार हो रही ऑक्सीजन को जिले में लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन ने शुक्रवार को एडीएम भू-राजस्व राजकुमार द्विवेदी व एसडीएम सदर नीतीश कुमार सिंह को भेजा था। सप्लायर्स से वार्ता के बाद ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति के लिए एसडीएम ने वहीं डेरा डाल दिया है….
जिले से खाली सिलिंडर वहां भेजे जा रहे हैं, जहां एसडीएम अपनी निगरानी में उसे रिफिल कराकर तत्काल वापस कराने में लगे हैं। शनिवार को वाराणसी से करीब 300 ऑक्सीजन से भरा हुआ सिलिंडर पहुंचा। अफसरों के मुताबिक यह आपूर्ति टूटने नहीं दी जाएगी। इसके लिए करीब पांच सौ खाली सिलिंडर की व्यवस्था भी की गई है..साभार-अमर उजाला