महिला आयोग की सदस्य ने कहा- महिला शाम को नहीं जाती, या बच्चे को लेकर जाती तो ऐसा नहीं होता
बदायूं गैंगरेप पीड़ित के परिवार से गुरुवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी मिलने पहुंचीं। यहां उन्होंने बेहद बेतुकी बात कह दी। चंद्रमुखी ने कहा कि किसी के प्रभाव में महिला को असमय नहीं जाना चाहिए था। चंद्रमुखी यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने कहा, ‘अगर वह महिला शाम के समय नहीं जाती या परिवार का कोई बच्चा साथ होता तो शायद ऐसी घटना नहीं होती। लेकिन, उसे फोन करके बुलाया गया था और वह चली गई।’
आयोग ने DGP से पूछा FIR में इतनी देरी क्यों हुई?
राष्ट्रीय महिला आयोग ने UP पुलिस से पूछा कि FIR दर्ज करने में इतनी देरी क्यों हुई? DGP को पत्र भी भेजा गया था। चंद्रमुखी देवी ने मृतका के घर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। उन्होंने पूछा कि इस वारदात में कौन-कौन शामिल था? किस तरह से ये वारदात अंजाम दी गई?
चंद्रमुखी ने SSP से कहा कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। एक के खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में शुरुआत से सही कार्रवाई करती तो महिला की जान भी बचाई जा सकती थी। उसे इलाज मिल सकता था। योगी सरकार के दबाव के बाद पुलिस जागी है।
18 घंटे घर में पड़ा रहा शव, पुलिस हादसा बताती रही
पीड़ित के परिजन दुष्कर्म के बाद हत्या की बात कह रहे थे। पीड़ित का शव 18 घंटे घर में पड़ा रहा, लेकिन पुलिस इसे हादसा करार देती रही। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अफसरों ने कार्रवाई शुरू की। अभी दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, लेकिन मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण फरार है। उस पर 50 हजार रुपए का इनाम रखा गया है। इस मामले में उघैती थाना प्रभारी राघवेंद्र को सस्पेंड कर दिया गया है।
हैवानियत की हदें पार की गई थीं
उघैती के एक गांव की महिला रविवार की शाम 6 बजे पूजा के लिए मंदिर गई थी। करीब 2-3 घंटे बीतने के बाद जब वह घर नहीं लौटी तो घर वाले थाने गए, लेकिन पुलिस ने रात 11 बजे तक उनकी कोई बात नहीं सुनी। आरोपी दरवाजे की कुंडी खटखटा कर महिला का शव फेंक गए और फरार हो गए। आरोपियों ने जाते समय बताया कि महिला कुएं में गिर गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीड़ित के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड और कपड़ा डालने जैसी चीजें उजागर हुई थीं।