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मध्यप्रदेश के जबलपुर में 15 साल के एक छात्र ने अपने ही क्लास में पढ़ने वाली लड़की के 10 साल के भाई को मारकर शव नदी में फेंक दिया। क्राइम ब्रांच के 40 अफसर और कर्मचारी पांच दिन तक बच्चे की खोजबीन करते रहे, तब जाकर उन्हें शव मिला। मामला जबलपुर जिले के बेलखेड़ा थाना क्षेत्र के जुगपुरा गांव का है। मृत बच्चे के परिजन के शक के आधार पर जब पुलिस ने नाबालिग आरोपी से पूछताछ की तो उसने हत्या की बात मानी।

पुलिस ने जब उससे पूछा कि क्या किया था? तब उसने बताया कि सर… मैंने अपने मोबाइल पर साउथ की एक फिल्म देखी थी, जिसमें एक बदमाश ने हीरो के परिवार को मारकर नदी में फेंक दिया था। फिर अपने हाथ-पैर बांधकर और मुंह में कपड़ा ठूंसकर नदी किनारे पड़ा रहा, ताकि किसी को इसका शक न हो। मैंने भी सोचा, क्यों न राजा के साथ भी ऐसा ही करूं।

बहन से दोस्ती थी, मुझे मोबाइल और पैसे के लिए ब्लैकमेल करता था
नाबालिग आरोपी ने बताया कि मृतक राजा की बहन और वो एक ही स्कूल में 10वीं क्लास में पढ़ते हैं। दोनों एक-दूसरे के पड़ोसी भी हैं, इसलिए उनकी अच्छी दोस्ती हो गई। आरोपी राजा की बहन से फोन पर बातें भी करता था। राजा दोनों की दोस्ती के बारे में जान गया था।

वह अक्सर अपने मां और पापा को उनकी दोस्ती के बारे में बताने की धमकी देकर पैसे और गेम खेलने के लिए मोबाइल ले लेता था। वह ऐसा हर बार करने लगा था। उसकी ब्लैकमेलिंग से वह तंग आ गया था। जिसके बाद उसने उसे मारने का फैसला किया। आइडिया उसे फिल्म देखने के बाद मिला।

बांस से सिर पर मारा, बेहोश राजा को नदी में फेंक आया
मृतक राजा 5 मार्च की रात आठ बजे के लगभग गायब हुआ था। 10 मार्च को बेलखेड़ा पुलिस आरोपी को थाने ले गई थी। 11 मार्च से राजा की तलाश SDRF और होमगार्ड की टीम ने नर्मदा में शुरू की थी। चार दिन नर्मदा में तलाश करने के बाद रविवार यानी 10वें दिन राजा का शव घटनास्थल से 25 किलोमीटर दूर नरसिंहपुर जिले के ठैमी थाने के मुराच घाट के पास मिला था।

आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने बांस के डंडे से राजा के सिर पर मारा था। बेहोश होने पर छोटी नाव से नर्मदा के बीच धारा तक ले गया। इसके बाद उसे पानी में फेंक दिया था। पुलिस ने योतवार को ही आरोपी को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपी को बाल सुधार गृह भेज दिया है। वहीं, पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया।

शातिर तो था… पर घर की रस्सी ने भेद खोल दिए
15 वर्षीय आरोपी शातिर निकला। बेलखेड़ा थाने में पदस्थ 31 का स्टाफ, क्राइम ब्रांच की टीम, टीआई, SDOP और ASP ग्रामीण तक इस मामले के खुलासे में लगे थे। बावजूद आरोपी पुलिस को घुमाता रहा। 5 मार्च की रात राजा गायब हुआ था। 7 को आरोपी खुद के हाथ-पैर रस्सी से बांधकर मुंह में कपड़ा ठूंस कर जुगपुरा घाट के पास पड़ा रहा।

वहां से निकले गांव वालों की नजर पड़ी तो बताया कि कुछ बदमाश उसे अगवा कर ले जा रहे थे। आरोपी की मंशा थी कि ऐसा करने पर पुलिस को संदेह जाएगा कि राजा को भी इसी तरह से बदमाश उठा ले गए होंगे। पर आरोपी से एक गलती हो गई। उसने घर की रस्सी का प्रयोग हाथ-पैर बांधने में किया था। इसी के बाद वह संदेह में आया था।

पिता बोले- पुलिस ने पहले पूछताछ की होती तो शायद बेटा बच जाता
राजा के पिता रामदास ने घटना में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। रामदास ने बताया कि मैंने 5 मार्च को रात में ही TI सुजीत श्रीवास्तव से किशोर पर संदेह जताया था, लेकिन पुलिस हमारे परिवार से ही पूछताछ करती रही। बेटी ने भी अपने क्लास में पढ़ने वाले पड़ोसी पर संदेह जताया था। पुलिस ने पांचवें दिन शव मिलने के बाद आरोपी से पूछताछ की। अगर उसी दिन पूछताछ होती तो शायद मेरा बेटा बच जाता।

भाई-बहनों में तीसरे नंबर का था राजा
राजा के पिता रामदास उर्फ रामी मल्लाह और मां राधाबाई का रो रोकर बुरा हाल है। पिछले 10 दिनों से बेटे की सलामती की उम्मीद में मां राधाबाई थी, पर बेटे की लाश मिलने की खबर कानों में पड़ते ही वह दहाड़े मारकर रोने लगी। राजा चार संतानों में तीसरे नंबर का था। 16 व 15 साल की दो बहनें उससे बड़ी हैं। जबकि एक तीन साल का छोटा भाई है।

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