- उत्तराखंड की कुमाऊं और सोबन सिंह यूनिवर्सिटी की संयुक्त में रिसर्च में किया गया दावा
- कहा- 41 औषधीय पौधों में पाए जाने वाले 686 यौगिकों की मॉलीक्युलर स्क्रीनिंग की गई
च्यवनप्राश में इस्तेमाल होने वाली 41 औषधियां कोरोना से लड़ने में असरदार हैं। इसमें चार ऐसे तत्व हैं कोरोना की संख्या को बढ़ने से रोक सकते हैं। यह दावा नैनीताल की कुमाऊं यूनिवर्सिटी और अल्मोड़ा की सोबन सिंह यूनिवर्सिटी की संयुक्त रिसर्च में किया गया है।
कुमाऊं यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर प्रो. ललित तिवारी का कहना है च्यवनप्राश में आंवला, तुलसी, हल्दी, गिलोय, दालचीनी, तेज पत्ता, लौंग, इलायची, पुनर्नवा और अष्टवर्ग जैसे औषधीय पौधों का प्रयोग किया जाता है। ऐसे 41 औषधीय पौधों में पाए जाने वाले 686 यौगिकों की मॉलीक्युलर स्क्रीनिंग की गई।
ब्रिटेन के जर्नल टेलर में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, स्क्रीनिंग के बाद 4 ऐसे यौगिक पाए गए जो शरीर में कोरोना की प्रजनन प्रक्रिया को रोक सकते हैं।
कोरोनाकाल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के 5 आयुर्वेदिक नुस्खे
- तुलसी के 20 पत्ते अच्छी तरह से साफ करके उन्हें एक गिलास पानी में उबालकर छान लें। अब इस पानी में एक चम्मच पीसा हुआ अदरक और एक चौथाई दालचीनी चूर्ण डालकर पानी आधा रहने तक उबालें। गुनगुना करके उसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर चाय की तरह दिन में दो-तीन बार लें। जब भी लेना हो, इसे ताजा ही बनाएं।
- तुलसी के 20 पत्ते, अदरक का एक छोटा टुकड़ा और 5 कालीमिर्च को चाय में डालकर उबालें और उस चाय का सेवन करें। इसका सेवन सुबह और शाम के समय किया जा सकता है। दो चाय के बीच 10 से 12 घंटे का गैप दें।
- रोजाना नहाने के बाद नाक में सरसों या तिल के तेल की एक-एक बूंद डालें। अगर आप किसी सार्वजनिक स्थान पर जा रहे हैं तो घर से निकलने के पहले भी ऐसा ही करें।
- कपूर, इलायची और जावित्री का मिश्रण बना लें और इसे रुमाल में रखकर समय-समय पर सूंघते रहें।
- लौंग और बहेड़े को देसी घी में भूनकर रख लें। इन्हें समय-समय पर मुंह में रखकर चूसते रहें।
क्या करें, क्या न करें?
- हमेशा गुनगुने पानी और ताजे भोजन का ही सेवन करें।
- भोजन में मूंग, मसूर, मोठ आदि हल्की दालों का प्रयोग करें।
- मौसमी और ताजा फल व सब्जियों का उपयोग करें।
- भोजन में अदरक, कालीमिर्च, तुलसी, इलायची, शहद आदि का नियमित उपयोग करें।
- आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक्स, ठंडे पानी व ठंडे जूस का सेवन न करें।
- अधिक चिकनाई या तले हुए भोजन का उपयोग भी कम से कम करें। कच्चे व अधपके मांसाहार से बचना चाहिए।