Spread the love

देश में बेरोजगारी के बढते संकट के बीच बीजेपी मंत्री मनोहर लाल खट्टर का हैरान करने वाला बयान सामने आया है। बीजेपी मंत्री व हरियाणा के मुख्यमंत्री का कहना है की बेरोजगार उतना बड़ा मुद्दा नहीं है जितना इसे बना दिया गया है। उनके अनुसार बेरोजगारी गंभीर मुद्दा नहीं है बल्कि इस इसे बनाया जा रहा है। बता दे की विपक्ष पार्टियों ने राज्य में बेरोजगारी का मुद्दा जोरो शोरो से उठाया है।

हरियाणा में आने वाले चुनाव को देखते हुए, उनका यह बयान उनपर भारी पड़ सकता है। वहीं विपक्षी दल ने प्रदेश सरकार की यह कहते हुए आलोचना की है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा लिपिकीय पदों के लिए हाल ही में हुई परीक्षा देने के लिए युवाओं को सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी। इस पर मुक्यमंत्री ने बताया की वो जिलों के पास परीक्षा केंद्र स्थापित करने और ऑनलाइन परीक्षा जांच की संभावना तलाशना की कोशिश करेंगे।

विपक्ष ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए राज्य में युवाओ के बारे में कहा, महज 4,878 क्लर्क की पोस्ट के लिए 15 लाख युवाओं ने परीक्षा दी। उल्लेखनीय है की एक सरकारी योजना के तहत युवाओं को भत्ते के लिए बनाए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए सीएम खट्टर ने कहा, ‘प्रदेश में 80,000 बेरोजगार हैं जिन्होंने ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।’ हालांकि उन्होंने कहा कि बेरोजगारों के लिए जो आंकड़ा है वह सिर्फ उनका मैट्रिकुलेशन है, यह बड़ा हो सकता है।

राज्य की बीजेपी सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्षी दल आडे हाथ ले रहे है। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनोमी (CMIE) का हवाला देते हुए कहा प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या बीस लाख के पार है। साथ ही उन्होंने CMIE के आंकड़ों का हवाले देते हुए कहा, ‘दूसरे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए हरियाणा ने बेरोजगारी के मामले में महामारी का रूप धारण कर लिया है। हाल के आंकड़ों से पता चला है कि हरियाणा में बेरोजगारी का आंकड़ा दूसरे बड़े राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड से भी ज्यादा है।

उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया की, पंजाब में बेरोजगारों की संख्या 11.24 लाख है जबकि हरियाणा में कम आबादी है और इस राज्य में बेरोजगारों की संख्या 20.20 लाख है। इनमें से 4.5 बेरोगजार या तो ग्रेजुएट हैं या फिर हायर डिग्री है।’

दूसरी और कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला मुक्यमंत्री खट्टर पर दूर-दराज के इलाकों में परीक्षाएं आयोजित कराने पर भी निशाने साधते रहे हैं। वहीं इसके जवाब में मुक्यमंत्री का कहना है की , परीक्षाएं दूर दूर इसलिए आयोजित की गई ताकि बेईमानी की सम्भावनाये कम हो सके।

मुख्यमंत्री द्बारा बेरोजगारी के सन्दर्भ में दिया गया यह बयान उचित नहीं है। एक तरफ जहाँ अर्थव्यवस्था में आई मंदी के कारण कई लोगो के रोजगार पर बन आई है, वहीँ दूसरी और बीजेपी मंत्री द्वारा इस प्रकार का गैर जिम्मेदाराना बयान चौकाने वाला लगता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *